Blog Content Header

पहला पीरियड या मिनार्की - एक जैविक प्रक्रिया है जो हर लड़की में प्यूबर्टी आने पर होती है। यह एक इशारा है किअब आपका शरीर बच्चे पैदा करने के लिए तैयार है। प्यूबर्टी आपके जीवन की वह अवस्था है जब आप एक लड़की से एक औरत बन जाती हैं।इसमें कई तरह के बदलाव भी देखने को मिलते हैं। बाहर से आप पाएंगी कि आपकी कांख और प्यूबिक एरिया के आस-पास बाल आने लगे हैं, और आपके स्तन भी विकसित होने लगेंगे। अंदर से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन जैसे मादा (फ़ीमेल) हॉर्मोन के स्त्रावित होने पर आपका पीरियड शुरू हो जाएगा।
ज़्यादातर लड़कियों में उनका पहला पीरियड 12 साल की उम्र तक आता है। हालंकि, हर लड़की एक दूसरे से अलग होती है और उनका विकास भी अलग-अलग होता है। कुछ लड़कियों में पीरियड 8 साल की उम्र से ही शुरू हो जाते हैं जबकि कुछ में यह 15 साल की उम्र तक भी हो सकता है। दोनों ही सूरत में यह एकदम सामान्य बात है, और इसमें परेशान होने जैसी कोई बात नहीं है।
आपके पीरियड कितने करीब हैं इसे जानने का सबसे सही तरीका है यह ध्यान रखना कि आप में प्यूबर्टी के संकेत दिखने लगे हैं या नहीं। जैसे ही आप में प्यूबर्टी शुरू होती है, पहले पीरियड के ऐसे कुछ संकेत हैं जिनका आप ध्यान रख सकती हैं। इससेआपको अपने पहले पीरियड के लिए घबराहट भी कम होगी, और आप पहले से ही आने वाले समय के लिए ज़रूरी प्रोडक्ट के साथ तैयार रहेंगी।
ये हैं:
पीरियड आने का मतलब है आपका सही विकास हो रहा है और आप एक स्वस्थ महिला बन रही हैं। लड़कियों में प्यूबर्टी के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन जैसे फ़ीमेल सेक्स हॉर्मोनअपना काम करना शुरू कर देते हैं और इसलिए पीरियड आता है।
ये आपके शरीर को रिप्रोडक्शन के लिए तैयार करते हैं, जिसके चलते आपके गर्भाशय (यूटेरस) की दीवारें और भी मोटी हो जाती है ताकि निषेचित डिंबों (फर्टिलाइज़्ड एग) को संभावित गर्भावस्था के दौरान पोषण मिल सके। पोषण देने के लिए ज़रूरी फर्टिलाइज़्ड एग की अनुपस्थिति में यह मोटी भित्ति (दिवार) टूट जाती है और आपके वेजाइना से बाहर निकाल दी जाती है। इसी वजह से पीरियड के दौरान रक्त स्त्राव (ब्लीडिंग) होता है।
सबसे पहले तो बिलकुल मत घबराइए। पीरियड आना एकदम सामान्य बात है। अगर आप कर सकें तो बस अपनी पसंद के हिसाब से सही हाइजीन प्रोडक्ट - जैसे पैड, टेम्पन या मेंस्ट्रुअल कप्स का इस्तेमाल करना शुरू कर दें। और अगर आपको ज़्यादा जानकारी नहीं है तो अपनी माँ या बड़ी बहन से सलाह करें, अगर आप स्कूल में हैं तो अपनी टीचर से बात करें।
भले ही यह आपका पहला पीरियड हो, या इसे शुरू हुए समय हो गया हो, पीरियड में परेशानी हो सकती है, और कभी-कभी तकलीफ बढ़ भी सकती है। पीरियड के दौरान थोड़ी परेशानी होना एक आम बात है और इसमें किसी भी तरह की चिंता की कोई बात नहीं होती।
आपके लिए ऐसा पीरियड प्रोडक्ट चुनना बहुत जरुरी होता है जिसे इस्तेमाल करना और साथ ही हाइजीन बनाये रखना आसान हो। जितना जल्दी हो सके अपने पैड या टेम्पन बदलते रहे और जितना हो सके आराम करें। अगर आपको पीरियड के समय पेट दर्द महसूस हो, तो उससे आराम पाने के लिए गरम पानी की बोतल या गर्म पैड का इस्तेमाल करें। पेट के नीचे वाले भाग में गर्म सेंक देने से दर्द में काफी राहत मिलती है।
पीरियड्स होना एक स्वाभविक जैविक प्रक्रिया है। इसमें घबराने की कोई बात नहीं है और शर्माने की तो बिलकुल भी नहीं। अगर आप अपने पहले पीरियड को लेकर परेशान है तो अपने किसी करीबी, अपनी माँ, बड़ी बहन या फिर टीचर से बात करना आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकता है।
इस एक बात का ध्यान रखना भी ज़रूरी है कि आपके पहले कुछ पीरियड अनियमित हो सकते हैं। वो अपने आप कुछ समय में नियमित हो जाते हैं। तो ज़्यादा सोचिये मत और आपके शरीर में जो भी बदलाव हो रहे हैं उन्हें होने दीजिए। बस सवाल करना ना भूलें और अपने किसी करीबी जिस पर आप पूरा भरोसा करते हों उनसे खुल कर बात करें, वो आपके जीवन के इस महत्वपूर्ण पड़ाव में आपकी मदद करेंगे और अगर ज़रूरत हुई तो आपको डॉक्टर के पास भी ले जाएंगे।