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जैसे ही आप किशोरावस्था में कदम रखते हैं, आपको कई नई चीज़ों का अनुभव होता है और आपको ऐसे-ऐसे शब्द सुनने को मिलते हैं, जो आपने पहले कभी नहीं सुने होंगे। उनमें से एक शब्द है - प्यूबर्टी। जब आप किशोरावस्था में कदम रखती हैं तब यह शब्द कई बार सामने आता है। आपका प्यूबर्टी का यह सफर अच्छे से गुजरे इसलिए हम आपको यह बताना चाहते हैं कि प्यूबर्टी क्या है, इस दौरान क्या-क्या बदलाव आते हैं और सबसे ज़्यादा ज़रूरी कि इस समय किन-किन बातों का ध्यान रखा जाए।
प्यूबर्टी विकास की एक ऐसी अवस्था है जिससे लगभग सभी लोग होकर गुजरते हैं। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसमे इंसान बच्चे से वयस्क या किशोर बनते हैं। बदलाव के इस चरण में कई तरह के मानसिक, जैविक और साथ ही साथ शारीरिक परिवर्तन भी आते हैं।
अगर आपकी किशोरावस्था बस अभी ही शुरू हुई है तो हो सकता है कि आपने इनमें से कुछ बदलावों का अनुभव किया हो। और हम अच्छे से समझते हैं - यह आपके लिए नया है जिसके बारे में आप अभी तक नहीं जानते थे और ना ही ऐसा कुछ पहले कभी हुआ है, लेकिन डरिए मत। प्यूबर्टी में घबराने जैसी कोई बात नहीं है।
हालाँकि, इस समय को लेकर आपके मन में जितनी भी दुविधा है जैसे कि इस समय में क्या होता है, इसके लिए हमने आपके लिए एक बहुत ही आसान सी गाइड बनाई है जो आपको बताएगी कि इस समय में क्या और कैसे करें। हम उम्मीद करते हैं कि इससे आपको ना सिर्फ़ अच्छे से समझ आ जाएगा कि प्यूबर्टी क्या है बल्कि इस सफर को पूरा करने में मदद भी मिलेगी।
यह याद रखना बहुत ज़रूरी है कि प्यूबर्टी एक ऐसी अवस्था है जो बचपन और वयस्कता के बीच होती है। इसलिए लड़के और लड़कियाँ दोनों ही में सामान्य तौर पर प्यूबर्टी उनके किशोरावस्था के दौरान आती है। लड़कों में, प्यूबर्टी 12 से 16 की उम्र के बीच होती है, जबकि लड़कियों में यह 10 से 14 की उम्र के बीच देखने को मिलती है।
प्यूबर्टी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक बच्चा वयस्क का रूप लेता है। यहाँ, बच्चा लैंगिक तौर पर बड़ा हो जाता है और उसी के अनुरूप लक्षण भी विकसित होने लगते हैं। यह बदलाव पूरे शरीर में देखे जा सकते हैं।
लड़कियाँ प्यूबर्टी के दौरान चार स्टेज में से हर स्टेज में इन निम्नलिखित बदलावों का अनुभव करती हैं
समान रूप से लड़कों में भी प्यूबर्टी के दौरान बदलावों का अनुभव होता है। यह नीचे दिए गए अनुसार होता है
याद रखने वाली बात यह है कि प्यूबर्टी एक आतंरिक अनुभव दर्शाती है। इसलिए प्यूबर्टी के दौरान होने वाले सभी बदलाव हर व्यक्ति के लिए निजी और आतंरिक होते हैं। हर व्यक्ति का प्यूबर्टी से जुड़ा अनुभव अलग और विशेष होता है और इस पड़ाव को पार करने का सबका अपना तरीका होता है।
जब आप इस पड़ाव को पार कर रहे होते हैं तो आपको अलग-अलग तरह के भावनात्मक पहलुओं का अनुभव हो सकता है। कुछ दिन ऐसे होंगे जब आप बहुत उदास होंगे और कुछ दिन ऐसे भी आएंगे जब आप बहुत खुशी और सकारात्मकता का अनुभव करेंगे।
लेकिन जो भी हो, आपको इस बात का ध्यान रखना है कि प्यूबर्टी में कोई डरने वाली बात नहीं है। बल्कि बेहतर होगा अगर आप दूसरों से बात करें और प्यूबर्टी से निपटने के अलग-अलग तरीके समझने की कोशिश करें। उन्होंने जिन-जिन तरीकों को अपनाया, ऐसे प्रोडक्ट जो उनके लिए फायदेमंद थे, और अलग-अलग सुझाव और तरीके जिनसे उन्होंने यह विकासात्मक पड़ाव पार किया, की एक सूची बनाएँ।
प्यूबर्टी के बारे में एक बात हमेशा याद रखें, कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है, आम बात है और यह लगभग हर इंसान के साथ होता है। इसका मतलब है कि आपके माता-पिता, दादा-दादी, भाई-बहन, दोस्त, आदि सभी के साथ यह हुआ है।
और यह एक अच्छी बात है। मतलब आपको जब आप अपने इस नए सफर में आगे बढ़ रहे हों और आपके मन में किसी भी तरह की दुविधा हो तो आप अपने सभी करीबी लोगों से बात कर सकते हैं, वो आपकी मदद करेंगे। अगर आपको प्रेरणा की ज़रूरत हो तो, यह वीडियो आपको एक सही दिशा देगा।
जब आप अपने करीबी लोगों से बात करते हैं तो उनके साथ अपने अनुभव शेयर कर सकते हैं और साथ मिलकर हल निकाल सकते हैं। लेकिन, अगर आपको किसी तरह की हिचक है तो और भी कई तरीके हैं जिनका आप इस्तेमाल कर सकते हैं।
सबसे अच्छा तरीका है उपयोगी प्रोडक्ट पर पैसे खर्च करना जो ना सिर्फ आपको दर्द से राहत देता है बल्कि विकास के इस पड़ाव में आगे मदद भी करता है। प्रोडक्ट जैसे कि सही नाप वाली ब्रा, सुविधाजनक और लंबे चलने वाले सेनेटरी पैड्स, और हॉट वॉटर बैग जो लड़कियों का प्यूबर्टी में लंबे समय तक साथ देता है।
दूसरा तरीका है आप जिस भी अवस्था से गुज़र रहे हैं, उस पर रिसर्च करना और उसके बारे में और ज़्यादा जानकारी लेना और इस विषय में माहिर हो जाना। क्योंकि जैसे ही आप इसके जानकार हो जाते हैं आपको इस प्रक्रिया के बारे में सबकुछ पहले से पता होता है। जिसका आपको बहुत फायदा होता है।